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  • सावन में क्यों नहीं खाते दूध दही, बैंगन और हरी पत्तेदार सब्जियों समेत ये चीजें, जानें इसकी वजह

    These Things Avoid In Sawan In Hindi: भोलेनाथ का प्रिय मास श्रावण माना जाता है. इस वर्ष 11 जुलाई से शुरू हो रहा है. बड़े बुजुर्ग अक्सर कहते हैं कि इस मास में कुछ चीजें वर्जित हैं. उसका धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक कारण भी होता है. इन दिनों कई लोग अपने दैनिक जीवन में बदलाव करते हैं. इसमें लोग रहन-सहन से लेकर अपने खाने-पीने के तरीकों में भी बदलाव करते हैं. भारत के गांवों में, विशेषकर हिंदी पट्टी में, एक लोकोक्ति बहुत मशहूर है जो बड़े सहज भाव से बताती है कि किस मौसम में क्या खाएं और किस चीज से परहेज करें. इसी लोक कहावत में ‘सावन साग न भादो दही’ का जिक्र है.

    सावन में दूध से बने उत्पादों का सेवन करने से इसलिए बचना चाहिए क्योंकि इन दिनों जमीन में दबे अधिकांश कीड़े ऊपर आ जाते हैं और घास या हरी चीजों को संक्रमित कर देते हैं. घास गाय या भैंस उसी को खाते हैं, जिसका दूध हमारे घरों में आता है, जो कि सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. दही इसलिए नहीं खानी चाहिए क्योंकि इन दिनों वातावरण में नमी और कीटाणुओं की वृद्धि होती है, जिससे हानिकारक बैक्टीरिया पनपते हैं. इसके अलावा, दही की तासीर ठंडी होती है, जिससे सर्दी-जुकाम होने का डर भी रहता है.

  • Baba Ramdev ने बताया एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट्स का सस्ता तोड़, कहा यह करने से सालोंसाल दिखेंगे जवान

    Baba Ramdev Anti Aging: शेफाली जरीवाला (Shefali Jariwala) का 42 साल की उम्र में दुनिया से चले जाना सभी के लिए हैरान कर देने वाली खबर है. वे फिट दिखती थीं और जिम वगैरह किया करती थीं. इसके बाद भी एक्ट्रेस का कार्डियाक अरेस्ट (Cardiac Arrest) से जान गंवाना कई तरह के सवाल खड़े करता है. एक्ट्रेस का एंटी-एजिंग दवाइयां लेना भी मौत की वजह बताया जा रहा है. ऐसे में NDTV  India ने बाबा रामदेव से इस मुद्दे पर चर्चा की. योगगुरु बाबा रामदेव ने बताया कि एंटी-एजिंग दवाइयों का सेवन खतरनाक है और ये दवाइयां शरीर में विध्वंस पैदा कर देती हैं. योगगुरु ने इस बात का भी जिक्र किया कि व्यक्ति किस तरह प्राकृतिक रूप से जवान दिख सकता है.

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शेफाली जरीवाला की जिस दिन मृत्यु हुई उस दिन उन्होंने व्रत रखा हुआ था और एंटी-एजिंग इंजेक्शन (Anti Aging INjection) लिया जिससे उनका बीपी लो हो गया और वह रिकवर नहीं कर पाईं. शेफाली जरीवाला ने खुद इस बात का जिक्र किया था कि वे एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट करवा रही थीं. एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट्स या दवाइयां जवां दिखने के लिए अपनाए जाते हैं जिनसे चेहरे पर झुर्रियां नजर ना आएं और चेहरे पर कसावट बनी रहे. इनमें केमिकल शरीर में जाता है. ये सभी चीजें हानिकारक हो सकती हैं. 

    बाबा रामदेव से सवाल किया गया कि एक्ट्रेसेस के एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट्स (Anti Aging Treatments) करवाने को लेकर उनका क्या कहना है जिसपर योग गुरु ने जवाब दिया कि लोग बोटॉक्स करवाते हैं, स्किन को यहां से वहां शिफ्ट करवाते हैं या होंठों वगैरह की सर्जरी करवा लेते हैं. इन ट्रीटमेंट्स में वे कभी त्वचा को खिंचवाते हैं तो कभी नकली बाल वगैरह लगाते हैं. लेकिन, जितना ज्यादा प्राकृतिक रहा जाएगा और नेचुरल चीजों को ही अपने लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाया जाएगा उतना ही अंदरूनी और बाहरी रूप से स्वस्थ रहा जा सकता है. जितनी छेड़छाड़ की जाएगी उतनी ही दिक्कतें बढ़ती हैं. 

  • 3 साल में 17 लगातार हिट, सुपरस्टार का कोई नहीं तोड़ पाया रिकॉर्ड, जीतेंद्र को पहली फिल्म के लिए दिया ट्यूशन, फिल्में फ्लॉप तो…

    आजकल बॉलीवुड में एक्टर-एक्ट्रेस एक हिट फिल्म के लिए तरसते हैं, लेकिन एक दौर में बॉलीवुड में ऐसा सुपरस्टार था जिसकी सुपरहिट फिल्मों की गाड़ी में ब्रेक ही नहीं लगा और एक दो नहीं बल्कि 3 साल में उन्होंने 17 हिट फिल्में दी. आज तक इस एक्टर का रिकॉर्ड कोई तोड़ नहीं पाया हैं. इतना ही नहीं इन्होंने जितेंद्र को भी पहली फिल्म के लिए ऑडिशन देने के लिए ट्यूशन दी थी. तो चलिए हम आपको बताते हैं इस सितारे के बारे में जिन्होंने बैक टू बैक कई फिल्म की, लेकिन जब फिल्म फ्लॉप होने लगी तो इन्होंने राजनीति का रुख किया.

    बॉलीवुड के जिस सुपरस्टार की हम बात कर रहे हैं, वो राजेश खन्ना हैं, जिन्होंने 1966 में आखिरी खत से अपने करियर की शुरुआत की थी. लेकिन उनके करियर का पीक दौर 1970 से 73 के बीच में रहा, जब उन्होंने बैक टू बैक 17 हिट फिल्में दी. उन्होंने 1970 और 71 में बॉक्स ऑफिस पर अपना दबदबा जारी रखा और द ट्रेन, सच्चा झूठा, सफर, आन मिलो सजना, कटी पतंग, मेहबूब की मेहंदी, आनंद, अंदाज, मर्यादा, हाथी मेरे साथी, छोटी बहू और खामोशी फिल्में की. इसके बाद 1972 में उनकी 10 फिल्में हिट हुई, जिसमें शहजादा, मेरे जीवन साथी, बावर्ची, अपना देश, अमर प्रेम, जोरू का गुलाम, बंगारू बाबू, अनुराग शामिल थीं. इस तरह उन्होंने 17 हिट फिल्में देकर रिकॉर्ड बनाया, जो आज तक नहीं टूट पाया है.

  • Panchayat 5 promo: यह है पंचायत सीजन 5 का प्रोमो? बनराकस के प्रधान बनने के बाद ऐसी हुई सचिव जी की हालत! वीडियो देख फैंस दे रहे रिएक्शन

    अमेजन प्राइम वीडियो की सबसे पॉपुलर वेब सीरीज में से एक पंचायत का सीजन 4 स्ट्रीम हो रहा है. इस सीरीज में एक बार फिर जितेंद्र कुमार, नीना गुप्ता, रघुवीर यादव, फैसल मलिक, चंदन रॉय, पंकज झा और संविका जैसे कलाकार नजर आ रहे हैं. हालांकि, पंचायत के पहले तीन सीजन के मुकाबले इस सीजन का रिस्पांस उतना अच्छा नहीं है. इस बीच सोशल मीडिया पर ग्राम फुलेरा के सचिव जी उर्फ जितेंद्र कुमार का एक वीडियो वायरल हो रहा हैं, जिसे देखकर यूजर्स कह रहे हैं कि यह पंचायत 5 का प्रोमो है क्या? आइए आपको भी दिखाते हैं जितेंद्र कुमार का यह मजेदार वीडियो.

    इंस्टाग्राम पर dsk_talks नाम से बने पेज पर पंचायत के सचिव यानी कि एक्टर जितेंद्र कुमार का एक वीडियो पोस्ट किया गया हैं. इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है पंचायत सीजन 5 प्रोमो, इस वीडियो में जितेंद्र कुमार ऑफिस में पोछा लगाते हुए नजर आ रहे हैं. इसके बाद वह किसी व्यक्ति के जूते को भी साफ करते हुए दिख रहे हैं. सोशल मीडिया पर जितेंद्र कुमार का यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा हैं, 35000 से ज्यादा लोग इस वीडियो को लाइक कर चुके हैं और उस पर मजेदार कमेंट कर रहे हैं.

  • कर्नाटक में सिद्धा Vs शिवकुमार, घमासान के बीच कांग्रेस ने जानें दिया क्या ‘समाधान’

    दिल्ली में बैठा पार्टी नेतृत्व कर्नाटक के घटनाक्रम पर बारीकी से नजर बनाए हुए है. दरअसल उपमुख्यमंत्री और राज्य कांग्रेस चीफ डीके शिवकुमार के समर्थकों ने मुख्यमंत्री बदलने की मांग कर डाली है. जिसके बाद आलाकमान ने संकटमोचक के रूप में रणदीप सुरजेवाला को बेंगलुरु भेजा है.

    कर्नाटक में इन दिनों बड़ी राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है. कांग्रेस सरकार में ही अंदरूनी बगावत जारी है. मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान चल रही है. सिद्धारमैया या डीके शिवकुमार? सवाल यह है कि मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए आखिर मुख्यमंत्री कौन होगा. हालांकि इस पर कांग्रेस ने अपना स्टैड क्लियर कर दिया है. कांग्रेस आलाकमान सूत्रों के मुताबिक, सिद्धारमैया को फिलहाल बदलने का सवाल ही नहीं है. हालांकि डीके शिवकुमार को कैबिनेट में फेरबदल से ही संतुष्ट होना पड़ सकता है. वहीं अब डीके शिवकुमार ने सफाई देते हुए कहा है कि कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है, हमारी नजर 2028 के चुनाव पर है.

  • आईएमए पासिंग आउट परेड: भारतीय सेना को मिले 419 जांबाज अधिकारी, 9 देशों के 32 कैडेट्स भी पास

    भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड के दौरान कैडे्टस का उत्‍साह और उमंग देखते ही बनता था. परेड के बाद उन पर हेलीकॉप्‍टर से फूलों की बारिश भी की गई. इस अवसर पर पास आउट होने वाले कैडेट्स के परिजन भी मौजूद रहे.

    देहरादून की भारतीय सैन्य अकादमी (Indian Military Academy) में शनिवार को पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया. परेड में 451 कैडेट्स पास आउट हुए, जिसमें 419 भारतीय और 9 मित्र देशों के 32 कैडेट्स शामिल थे. आईएमए में गहन प्रशिक्षण के बाद अब सभी भारतीय कैडेट्स सेना में अधिकारी बन गए हैं और बतौर लेफ्टिनेंट देश की सीमाओं की रक्षा करेंगे. पासिंग आउट परेड के मुख्य अतिथि के रूप में श्रीलंका की सेना के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बीके जीएम लसंथा रोड्रिगो मौजूद रहे. रोड्रिगो 1990 में भारतीय सैन्य अकादमी से ही पास आउट हैं. 

    पासिंग आउट परेड के दौरान कैडे्टस का उत्‍साह और उमंग देखते ही बनता था. परेड के बाद उन पर हेलीकॉप्‍टर से फूलों की बारिश भी की गई. इस अवसर पर पास आउट होने वाले कैडेट्स के परिजन भी मौजूद रहे. कड़ी मेहनत के बाद सेना में अफसर बनने की खुशी का कोई सानी नहीं था. इस दौरान उन्‍होंने अपनी इस सफलता पर खुशी जताई और कहा कि कड़ी मेहनत के बाद उन्हें यह सफलता मिली है. 

    आप भारतीय सैन्य अकादमी के एंबेसडर: रोड्रिगो

    पासिंग आउट परेड में मुख्य अतिथि श्रीलंका के सेना प्रमुख लासाथा रोड्रिगो ने परेड की सलामी ली और अपने संबोधन में कहा कि जो विदेशी कैडेट पास आउट होकर जा रहे हैं, वह एक सैनिक के तौर पर जा रहे हैं. लेकिन वह भारतीय सैन्य अकादमी के एंबेसडर भी हैं. उन्होंने भारतीय सेना के जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि आप बहुत ही अनुशासन के साथ काम करते हैं.  

    ये कैडेट्स रहे अव्वल

    • स्वॉर्ड ऑफ ऑनर और सिल्वर मेडल: अनिल नेहरा
    • गोल्ड मेडल: रोनित रंजन
    • ब्रॉन्ज मेडल: अनुराग वर्मा
    • टीईएस सिल्वर: कपिल
    • टीजी सिल्वर: आकाश भदौरिया
    • चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर: केरन कंपनी

    चार साल की मेहनत के बाद आया ये पल: घोसालकर

    इस मौके पर अफसर बने मुंबई के स्वराज घोसालकर का कहना है कि उनकी मेहनत रंग लाई है. चार साल की कड़ी मेहनत के बाद ये खुशी का पल आए हैं. उन्‍होंने बताया कि अब वह देश की सेवा करेंगे. अपनी ट्रेनिंग के बारे में बताते हुए उन्‍होंने कहा कि हर दिन उन्‍हें लगता था कि कब यह ट्रेनिंग पूरी होगी और कभी कभी महसूस होता था कि वह यह ट्रेनिंग पूरी कर भी पाएंगे या नहीं, लेकिन आज सेना में अधिकारी बन गए हैं. 

    घोसालकर के माता सुरक्षा घोसालकर और पिता शशांक घोसालकर ने कहा कि आज उनका सपना पूरा हो गया है. आज उन्‍हें महसूस हो रहा है कि उनका बेटा नहीं, वह खुद एक सैन्य अधिकारी बन गए हैं. पहले एनडीए में कड़ी मेहनत की और उसके बाद घोसालकर इंडियन मिलिट्री अकादमी में ट्रेनिंग करने पहुंचे थे. 

    बेटी के बाद अब बेटे को भी मिला कमीशन

    हिमाचल प्रदेश के बीएस धायल भारतीय सेवा में अधिकारी हैं. उनके दो जुड़वा बच्‍चे हैं और दोनों अब सैन्‍य अधिकारी हैं. उन्‍होंने बताया कि बेटी दिव्या पहले ही कमीशन हो चुकी है और इस साल बेटा भी इस साल पास आउट हुआ है. उन्‍होंने बताया कि बेटा दिग्विजय का सैन्‍य अधिकारी बनना उनके लिए गौरव का क्षण है. 

  • किसी ने सोनम को कहा मास्टरमाइंड तो किसी ने मासूम! साइकोलॉजिस्ट ने बताया क्या हो सकती है इस दोहरी पर्सनैलिटी की वजह 

    Raja Raghuvanshi Murder: मेघालय में हुए राजा रघुवंशी मर्डर केस में मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी को लेकर परिवार और दोस्तों के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं. लेकिन, सोनम के दिमाग में असल में क्या चल रहा था यह शायद ही कोई जानता था. 

     शादी के बाद हनीमून पर गए कपल की अलग-अलग तस्वीरें परिवार और दोस्तों को देखने को मिलती हैं, लेकिन गुमशुदगी और फिर कत्ल की खबर सुनने की शायद ही कोई कल्पना कर सकता है. राजा रघुवंशी (Raja Raghuvanshi) और सोनम रघुवंशी (Sonam Raghuvanshi) मेघालय अपने हनीमून के लिए गए थे जहां राजा रघुवंशी का कत्ल किया गया जिसके मुख्य आरोपी के रूप में सोनम हिरासत में है. बताया जा रहा है कि इस कत्ल की साजिश को सोनम ने अपने प्रेमी राज कुशवाहा के साथ रचा था और 3 लोगों को सुपारी देकर अंजाम दिया गया. इस पूरे मामले में सोनम को जानने और समझने की कोशिश की जा रही है, उसकी मनोस्थिति को समझने का प्रयास किया जा रहा है कि उसके दिमाग में कत्ल करने की उपज कहां से आई. एक तरफ किसी दोस्त का बयान है कि सोनम ऐसा कुछ कर ही नहीं सकती, किसी का कहना है कि सोनम गुस्सैल स्वभाव की थी तो किसी तीसरे से कुछ और सुनने को मिलता है. ऐसे में सोनम के व्यवहार को और इसी तरह के और लोगों की मनोस्थिति को समझने के लिए एनडीटीवी ने मनोवैज्ञानिक और सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हरियाणा की मनोवैज्ञानिक विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. पायल चंदेल से बात की. आइए जानते हैं साइकोलॉजिस्ट का इसपर क्या कहना है और इस मामले को साइकोलॉजी की नजर से वे कैसे देखती हैं. 

    दोहरी पर्सनैलिटी नहीं कहा जा सकता 

    साइकोलॉजिस्ट का कहना है कि सोनम रघुंवशी की मनोस्थिती सही नहीं थी यह कहा जा सकता है लेकिन उसे डुअल पर्सनैलिटी डिसोर्डर है ऐसी चीजें नहीं कह सकते. व्यक्ति अपने आस-पास के लोगों और दूसरे लोगों के सामने अलग हो सकता है, यह उसकी पर्सनैलिटी (Personality) का हिस्सा हो सकता है. 

    साइकोलॉजिस्ट बताती हैं, “DSM-5 (Diagnostic and Statistical Manual of Mental Disorders) के अनुसार, डिसोसिएटिव आइडेंटिटी डिसऑर्डर (DID)—जिसे पहले मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर कहा जाता था में व्यक्ति दो या अधिक अलग-अलग पहचान या व्यक्तित्व विकसित कर सकता है, जिनका अपना नाम, व्यवहार, सोचने का तरीका और भावनात्मक प्रतिक्रिया होती है. इस विकार में व्यक्ति को अपने जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं, व्यक्तिगत जानकारी या रोजमर्रा की गतिविधियों को भूलने की समस्या हो सकती है, जिससे उनकी याददाश्त में अंतराल आता है. पहचान में अचानक बदलाव देखा जा सकता है, जहां व्यक्ति का व्यवहार, सोच और भावनाएं अनायास बदल सकती हैं. वास्तविकता से अलगाव महसूस करना भी एक प्रमुख लक्षण होता है, जिसमें व्यक्ति को ऐसा लगता है कि वह खुद को बाहरी दृष्टिकोण से देख रहा है या उसके आसपास की दुनिया असली नहीं लग रही. यह विकार व्यक्ति के सामाजिक, पारिवारिक और पेशेवर जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है और मानसिक तनाव या सामाजिक कठिनाइयों का कारण बन सकता है. DSM एक मानक गाइड है जिसे American Psychiatric Association (APA) द्वारा प्रकाशित किया जाता है. यह मानसिक विकारों की पहचान, वर्गीकरण और उपचार के लिए उपयोग किया जाता है.” 

    सोनम को लेकर यह कहा जा सकता है कि वह अपने रिश्ते में खुश नहीं थी, वह किसी और को चाहती थी या अपने पति को नहीं चाहती थी जिसकी वजह से शायद अपनी शादी से भी निराश थी. रही बात दोस्तों के बयानों कि तो व्यक्ति उम्र के साथ-साथ बदलता भी है, व्यक्ति के ख्याल और विचार दोनों में बदलाव आता है. कई बार व्यक्ति परिवार के सामने कोई और होता है और दोस्तों के साथ कोई और, शायद सोनम को लेकर अलग-अलग बयानों की वजह यही हो सकती है. 

    रिश्ते से पहले सतर्क रहना है जरूरी

    साइकोलॉजिस्ट का कहना है कि व्यक्ति अगर किसी से शादी करने जा रहा हे तो उसका सतर्क होना बेहद जरूरी है. डॉ. चंदेल कहती हैं, “सोनम रघुवंशी केस (Sonam Raghuvanshi Case) ने यह दिखाया कि शादी से पहले सतर्कता बरतना कितना जरूरी है. अगर आप शादी की योजना बना रहे हैं, तो शादी से पहले अपने पार्टनर के पिछले रिश्तों, व्यवहार और जीवनशैली के बारे में जानना जरूरी है. कभी-कभी बाहरी लोग किसी व्यक्ति के बारे में बेहतर समझ रखते हैं. उनके विचारों को नजरअंदाज न करें. अगर कोई व्यक्ति अत्यधिक गुस्सैल, अस्थिर या हेरफेर करने वाला है, तो सतर्क रहें. अगर शादी के करीब आते ही व्यक्ति का व्यवहार अचानक बदल जाए, तो यह चिंता का विषय हो सकता है.”रिश्ते में रेड फ्लैग्स पहचानना है जरूरी

    अरैंज मैरिज होने के बाद या कई बार प्रेम विवाह के बाद भी कपल एकदूसरे को हर दिन समझने की कोशिश में होते हैं. ऐसे में अगर किसी तरह का रेड फ्लैग (Red Flag) नजर आए तो उसपर समय रहते ध्यान देना जरूरी है. डॉ. चंदेल का कहना है, “रिश्तों में रेड फ्लैग्स यानी चेतावनी संकेतों को पहचानना बहुत जरूरी है, ताकि आप किसी अस्वस्थ या विषाक्त संबंध में फंसने से बच सकें. जब कोई रिश्ता आपको भावनात्मक रूप से कमजोर करने लगे या आपके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाए, तो यह संकेत हो सकता है कि वह रिश्ता आपके लिए सही नहीं है.

    “अगर आपका साथी बातचीत से बचता है, आपकी भावनाओं को नजरअंदाज करता है या हर बार आपको ही दोषी ठहराता है, तो यह एक रेड फ्लैग हो सकता है. इसी तरह, अगर कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा नियंत्रित करने की कोशिश करता है, आपकी गतिविधियों पर नजर रखता है या आपको दूसरों से दूर करने की कोशिश करता है, तो यह भी एक चेतावनी संकेत है.
    “रिश्तों में गैसलाइटिंग यानी आपको अपनी ही काबिलियत पर शक करवाना, भावनात्मक शोषण, और अपराधबोध का इस्तेमाल करके आपको नियंत्रित करना भी रेड फ्लैग्स में शामिल हैं. अगर आपका साथी अचानक व्यवहार बदलता है, कभी बहुत प्यार जताता है और कभी पूरी तरह अनदेखा करता है, तो यह भी एक चेतावनी संकेत हो सकता है.

    “अगर आपको लगता है कि आपका रिश्ता असंतुलित है, जहां सिर्फ एक व्यक्ति की इच्छाएं और जरूरतें पूरी हो रही हैं, तो यह सोचने का समय है कि क्या यह रिश्ता आपके लिए सही है. स्वस्थ रिश्ते सम्मान, विश्वास और पारस्परिक समझ पर आधारित होते हैं. अगर इनमें से कोई भी चीज लगातार गायब हो रही है, तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है.”

    जैसे विवाह से पूर्व मेडिकल फिटनेस प्रमाणपत्र या जन्म प्रमाणपत्र की अनिवार्यता एक आम प्रक्रिया बन चुकी है, उसी अब मानसिक स्वास्थ्य मूल्यांकन और विवाह पूर्व काउंसलिंग (Pre-Marital Counseling) को भी कानूनी रूप से अनिवार्य कर देना चाहिए. वर्तमान समय में वैवाहिक जीवन में बढ़ती असहिष्णुता, भावनात्मक असंतुलन और घरेलू अपराधों को देखते हुए यह कदम बेहद आवश्यक है. यदि समय रहते मानसिक स्वास्थ्य का उचित मूल्यांकन और काउंसलिंग की व्यवस्था की जाए, तो समाज को अपराधमुक्त, सहिष्णु और भावनात्मक रूप से अधिक सुरक्षित बनाया जा सकता है.

  • जहन्नुम के दरवाजे खोल देंगे Vs जला देंगे तेहरानः समझिए इजरायल और ईरान जंग की पूरी पिक्चर

    ईरान और इजरायल लगातार एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं. मामला अब आर-पार का पहुंचता दिख रहा है. जानिए इन दोनों की दुश्मनी की वजह और कहां तक पहुंची जंग…

    इजरायल-ईरान के बीच दुश्मनी वर्षों पुरानी है. मगर, दुश्मनी अब गहराई है. मिसाइलों और बमों की बारिश हो रही है. साथ ही ‘जहन्नुम बना देंगे Vs जला देंगे तेहरान’की डायलॉगबाजी हो रही है. पीछे से अमेरिका ‘डील-डील’ कर रहा है. उसके एक हाथ में ईरान के लिए डील है तो दूसरे हाथ में इजरायल के लिए. अभी हालात ये हैं कि मिडिल ईस्ट दहल रहा है और डर ये है कि कहीं इसमें पूरा का पूरा मिडिल ईस्ट जल जाए.

    कहानी शुरू होती तो है 7 अक्टूबर 2023 से. जब ईरान समर्थित हमास ने इजरायल पर हमला किया, जिसमें 1,100 से ज्यादा लोग मारे गए. इजरायल ने इसके बाद गाजा में एक बड़ा सैन्य अभियान शुरू किया. ये अब तक जारी है. फिर देखिए कैसे ईरान और इजरायल का टकराव बढ़ता गया. 

    • 7 अक्टूबर 2023: ईरान के सर्वोच्च नेता ने चेतावनी दी कि अगर इजरायल ने अपना अभियान जारी रखा, तो बड़ा क्षेत्रीय संघर्ष हो सकता है.
    • 1 अप्रैल 2024: इजरायल ने दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर बमबारी की, जिसमें ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रेजा जाहेदी की मौत हो गई. ईरान ने बदला लेने की कसम खाई.
    • 13-14 अप्रैल 2024: ईरान ने इजरायल पर अपना पहला सीधा हमला किया, जिसमें 300 से ज्यादा ड्रोन और मिसाइलें दागी गईं. लगभग सभी को रोक दिया गया.
    • 19 अप्रैल 2024: इजरायल ने इस्फहान के पास एक रडार साइट पर बमबारी करके जवाब दिया.
    • 31 जुलाई 2024: हमास नेता इस्माइल हानिया की तेहरान में हत्या कर दी गई.
    • 1 अक्टूबर 2024: ईरान ने इजरायल पर 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं.
    • 26 अक्टूबर 2024: इजरायल ने ‘Days of Repentance’ शुरू किया, जिसमें ईरान से जुड़ी 20 से ज्यादा जगहों पर हमला किया गया.
    • 13 जून 2025: इजरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन शुरू किया, जिसमें ईरान के परमाणु ठिकानों, मिसाइल कारखानों और टॉप सैन्य कर्मियों को निशाना बनाया गया. ईरान ने अपने शीर्ष अधिकारियों को खो दिया है.
    • 14 जून 2025: ईरान ने इजरायल पर सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं. इस हमले ने इजरायल की मिसाइल डिफेंस सिस्टम की धाक पर सवाल खड़े कर दिए.

    ईरान अकेला क्यों पड़ गया

    इजरायल के साथ अमेरिका और खड़े दिख रहे हैं, मगर, ईरान फिलहाल अकेला दिख रहा है, ईरान काफी समय से चीन और रूस से काफी करीबी संबंध बनाए हुए है. रूस को तो उसने यूक्रेन युद्ध में काफी मदद भी की. मगर रूस और चीन अब तक सिर्फ बयानों तक ही ईरान का साथ दे रहे हैं. इसका कारण ये है कि रूस खुद युद्ध में उलझा है और मामले को ज्यादा आगे नहीं बढ़ाना चाहता. वहीं चीन हर बार सिर्फ बयान देकर ही अपना काम चलाता आया है. वो किसी भी युद्ध का हिस्सा नहीं बनता. ईरान के सबसे खास हमास, हिज्बुल्लाह और हूती की ताकत हाल के दिनों में समाप्त सी हो गई है. सीरिया से असद सरकार जाने के बाद वहां से भी कोई मदद नहीं मिल रही है. पाकिस्तान भले ही ईरान के सामने कितना भी दिखावा करे, मगर वो भी इस जंग में कूदना नहीं चाहेगा. वहीं सऊदी, कतर और यूएई जैसे देश भले ही इजरायल के खिलाफ बोल रहे हों, लेकिन वो भी ईरान का साथ देने नहीं आएंगे. कारण एक तो उनके अमेरिका से अच्छे संबंध हैं, दूसरा रूस, चीन समेत इनमें से कोई भी देश नहीं चाहता कि ईरान परमाणु शक्ति बन जाए.

    क्या अमेरिका से डील करेगा ईरान

    शुक्रवार शाम को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईरानी विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची से फोन पर बातचीत की. अराघची ने इस दौरान कहा, “हम एक कूटनीतिक प्रक्रिया के बीच में थे और अमेरिकी सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के एक नए दौर की तैयारी के लिए अपने ओमानी समकक्ष के साथ परामर्श में लगे हुए थे, लेकिन इजरायली शासन की आक्रामक हरकतों जैसे ईरान पर हमला करना, सैन्य कमांडरों की हत्या करना और नागरिकों और अकादमिक एलिट्स की हत्या ने कूटनीतिक मार्ग को पटरी से उतार दिया.” साफ है ईरान अब बातचीत को आगे नहीं बढ़ाना चाहता. 

    ये बयान बता रहे गुस्सा कितना 

    1. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि यह हमला ईरान के खिलाफ एक गंभीर अपराध है और इजरायल को इसकी ‘कड़ी सजा’ भुगतनी होगी.
    2. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक टेलीविजन संबोधन में सैन्य अभियान पर कहा, “यह अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक ईरान से हमारी समाप्ति के खतरे को पूरी तरह समाप्त नहीं कर दिया जाता.”
    3. इजरायल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने शनिवार को ईरान को चेतावनी दी कि अगर उसने मिसाइलें दागना जारी रखा तो तेहरान को जला दिया जाएगा.
    4. खामेनेई ने कहा कि ईरान के खिलाफ इस अपराध में इजरायल के हाथ खून से सने हैं. हम इजरायल को बर्बाद कर देंगे. उनके लिए जहन्नुम के दरवाजे खोल देंगे.  

    ईरान इजरायल में कब शुरू हुई दुश्मनी

    ईरान और इज़रायल के बीच दोस्ती से दुश्मनी की कहानी 1979 से शुरू होती है. ईरान में इस्लामिक क्रांति के बाद सब कुछ बदल गया. इस क्रांति के बाद ईरान ने इज़रायल के साथ अपने संबंध तोड़ लिए और दोनों देशों के बीच दुश्मनी शुरू हो गई. इस क्रांति ने शाह मोहम्मद रजा पहलवी के नेतृत्व वाली पश्चिम समर्थित राजशाही को समाप्त कर दिया. शाह मोहम्मद रजा पहलवी को अमेरिका का समर्थन था, इसीलिए इजरायल से भी उनके अच्छे संबंध थे. उन्होंने ही इजरायल को देश के तौर पर मान्यता भी दी थी. जब इजरायल का नये राष्ट्र के रूप में जन्म हुआ तो ईरान उसे मान्यता देने वाला अमेरिका के बाद दूसरा देश था.शाह ने अपने शासन में अयातुल्ला खामेनेई को देश से निकाल दिया था. खामेनेई इराक, तुर्की व फ्रांस में अपना समय बिताया लेकिन ईरान की सत्ता में उसकी दखल खत्म नहीं हुई थी.1979 में जब खामेनेई की वापसी हुई तो इजरायल से संबंध खराब होने लगे. फिर ईरान गाजा का समर्थन करने लगा. बाद में हमास की मदद करने लगे और इजरायल को घेरने की कोशिश करने लगा. दुश्मनी बढ़ती गई और अब इजरायल नहीं चाहता कि ईरान परमाणु संपन्न देश बने. वो इसे अपने लिए खतरा समझता है.

  • जहां देखे थे सपने, वहीं मिला सम्मान! ‘जवान’ डायरेक्टर एटली को मिला डॉक्टरेट, स्टेज पर हुए इमोशनल

    जवान जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म बनाने वाले एटली के लिए आज का दिन बहुत ही खास रहा. चेन्नई के जिस कॉलेज में उन्होंने पढ़ाई की और डायरेक्टर बनने का सपना देखा, आज उसी सत्या भामा यूनिवर्सिटी ने उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि देकर सम्मानित किया

    जवान जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म बनाने वाले एटली के लिए आज का दिन बहुत ही खास रहा. चेन्नई के जिस कॉलेज में उन्होंने पढ़ाई की और डायरेक्टर बनने का सपना देखा, आज उसी सत्या भामा यूनिवर्सिटी ने उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि देकर सम्मानित किया. ये सम्मान उन्हें 14 जून 2025 को यूनिवर्सिटी के 34वें दीक्षांत समारोह (Convocation) में दिया गया. इस मौके पर यूनिवर्सिटी की चांसलर डॉ. मारियाज़ीना जॉनसन ने एटली को डिग्री और सम्मान चिन्ह दिया. इस दौरान एटली की पत्नी प्रिया, मां और पिता भी मौजूद थे, जिससे यह पल और भी इमोशनल बन गया.

    एटली को ये सम्मान भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए दिया गया है. उन्होंने ‘राजा रानी’ से करियर की शुरुआत की थी और फिर थेरी, मेरसल, बिगिल जैसी हिट फिल्में दीं. लेकिन असली पहचान उन्हें 2023 में आई शाहरुख़ ख़ान की फिल्म ‘जवान’ से मिली, जो पूरे देश में ही नहीं, इंटरनेशनल लेवल पर भी हिट रही. समारोह में एटली स्टेज पर भावुक हो गए और बोले, “आज मुझे उसी कॉलेज से सम्मान मिल रहा है, जहां मैंने स्टूडेंट बनकर बड़े-बड़े सपने देखे थे. यहीं मैंने जाना कि खुद पर भरोसा करना कितना ज़रूरी होता है”.

    उन्होंने यूनिवर्सिटी के फाउंडर जेप्पियार सर को भी याद किया. उन्होंने कहा, “लोग जानते हैं कि उन्होंने मेरी पढ़ाई में मदद की थी, लेकिन उससे भी ज़्यादा उन्होंने मेरी क्रिएटिविटी को सपोर्ट किया. एक बार मैंने उनसे कहा कि मुझे शॉर्ट फिल्म बनानी है. उन्होंने कहा, ‘कैमरा उठाओ और डायरेक्टर बनो’. उस एक बात ने मेरी ज़िंदगी बदल दी”. ‘जवान’ की रिकॉर्डतोड़ सफलता के बाद अब एटली अपनी अगली फिल्म पर काम कर रहे हैं. एक बड़ी एक्शन फिल्म जिसमें अल्लू अर्जुन और दीपिका पादुकोण लीड रोल में होंगे. इस फिल्म का फिलहाल नाम है #AA22xA6, और इसे सन पिक्चर्स प्रोड्यूस कर रहा है.

  • अमेरिका में घर में घुसकर दो सांसदों को गोली मारी, एक की मौत, ट्रंप बोले- हिंसा बर्दाश्त नहीं होगी

    अमेरिका में घर में घुसकर दो सांसदों को गोली मारी गई है. इस गोलीबारी में एक सांसद की मौत हो गई. जबकि दूसरे की हालत गंभीर बताई जा रही है. घटना पर राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि हिंसा बर्दाश्त नहीं होगी.

    अमेरिका में दो सांसदों को घर में घुसकर गोली मारी गई है. इस गोलीबारी में एक सासंद की मौत हो गई. जबकि गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं. उनका इलाज चल रहा है. मिली जानकारी के अनुसार अमेरिका के मिनेसोटा के दो डेमोक्रेटिक सांसदों को गोली मारी गई. पहली घटना में डेमोक्रेटिक स्टेट रिप्रेजेंटेटिव मेलिसा हॉर्टमैन की मौत हो गई है. दूसरी घटना में डेमोक्रेटिक स्टेट सीनेटर जॉन हॉफमैन और उनकी पत्नी येवेट को कई गोलियां मारी गई हैं. दोनों घायल हैं. दोनों की सर्जरी हुई है और डॉक्टरों को उम्मीद है कि वे बच जाएंगे.

    मिनेसोटा के गवर्नर टिम वाल्ज ने इस घटना की जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि यह हमला राजनीतिक वजह से किया गया लगता है.

    इस घटना पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का बयान भी सामने आया है. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा- मुझे मिनेसोटा में हुई भयानक गोलीबारी के बारे में जानकारी दी गई है, जो राज्य के सांसदों के खिलाफ टारगेट कर किया गया अटैक मालूम होता है. हमारे अटॉर्नी जनरल, पाम बॉन्डी और FBI स्थिति की जांच कर रहे हैं, और वे कानून की पूरी सीमा तक इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति पर मुकदमा चलाएंगे. संयुक्त राज्य अमेरिका में ऐसी भयानक हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. 

    ट्रंप ने आगे लिखा कि भगवान मिनेसोटा के महान लोगों को आशीर्वाद दें, यह वास्तव में एक महान स्थान है.

    मेरिका में दो सांसदों को घर में घुसकर गोली मारी गई है. इस गोलीबारी में एक सासंद की मौत हो गई. जबकि गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं. उनका इलाज चल रहा है. मिली जानकारी के अनुसार अमेरिका के मिनेसोटा के दो डेमोक्रेटिक सांसदों को गोली मारी गई. पहली घटना में डेमोक्रेटिक स्टेट रिप्रेजेंटेटिव मेलिसा हॉर्टमैन की मौत हो गई है. दूसरी घटना में डेमोक्रेटिक स्टेट सीनेटर जॉन हॉफमैन और उनकी पत्नी येवेट को कई गोलियां मारी गई हैं. दोनों घायल हैं. दोनों की सर्जरी हुई है और डॉक्टरों को उम्मीद है कि वे बच जाएंगे.

    मिनेसोटा के गवर्नर टिम वाल्ज ने इस घटना की जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि यह हमला राजनीतिक वजह से किया गया लगता है.

    इस घटना पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का बयान भी सामने आया है. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा- मुझे मिनेसोटा में हुई भयानक गोलीबारी के बारे में जानकारी दी गई है, जो राज्य के सांसदों के खिलाफ टारगेट कर किया गया अटैक मालूम होता है. हमारे अटॉर्नी जनरल, पाम बॉन्डी और FBI स्थिति की जांच कर रहे हैं, और वे कानून की पूरी सीमा तक इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति पर मुकदमा चलाएंगे. संयुक्त राज्य अमेरिका में ऐसी भयानक हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. 

    ट्रंप ने आगे लिखा कि भगवान मिनेसोटा के महान लोगों को आशीर्वाद दें, यह वास्तव में एक महान स्थान है.